आज पहली बारिश ने मदहोश कर दिया,
तपती रूह को तर कर सराबोर कर दिया ,
एक झोंका हौले से छूकर चुनर लहरा गया ,
फिज़ा ने कान से टकरा कर एक मद्धम गीत गा दिया।
एक लट रुखसारों को छूती हुई ...
कान की बाली से उलझ गई,
मौका देख एक बूँद गाल को चूम गई,
बूँद की बेहयाई ....
हया बन आँखों में उतर गई।
नज़र उठा जब आस-पास देखा ..
झूमते पत्ते, इठलाती तितलियाँ ...
इन्द्रधनुषी रंग , नाचते पंछी, लम्बी राहे...
ताक- ताक मुस्कुरा रहें थे ,
हम दीवाने से बरसात के रंग में रंगे जा रहे थे।
मन बांवरा मदहोश हो गया,
इन धडकनों पर इसका जोर हो गया ।
सुन मौसम ! बदल दे मिजाज अपना जल्दी
घबरा रहे हैं हम कि कहीं
" हमहें तुझसे मोहब्बत न हो जाए "
तपती रूह को तर कर सराबोर कर दिया ,
एक झोंका हौले से छूकर चुनर लहरा गया ,
फिज़ा ने कान से टकरा कर एक मद्धम गीत गा दिया।
एक लट रुखसारों को छूती हुई ...
कान की बाली से उलझ गई,
मौका देख एक बूँद गाल को चूम गई,
बूँद की बेहयाई ....
हया बन आँखों में उतर गई।
नज़र उठा जब आस-पास देखा ..
झूमते पत्ते, इठलाती तितलियाँ ...
इन्द्रधनुषी रंग , नाचते पंछी, लम्बी राहे...
ताक- ताक मुस्कुरा रहें थे ,
हम दीवाने से बरसात के रंग में रंगे जा रहे थे।
मन बांवरा मदहोश हो गया,
इन धडकनों पर इसका जोर हो गया ।
सुन मौसम ! बदल दे मिजाज अपना जल्दी
घबरा रहे हैं हम कि कहीं
" हमहें तुझसे मोहब्बत न हो जाए "
24 comments:
पहली बारिश ,बधाई हो .
मौका देख एक बून्द गाल को चूम गई
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हया बन आंखो मे उतर गयी
+++++++++
एहसास की यह रचना मेरे दिल मे उतर गयी
बहुत खूब -- अतिसुन्दर
ये बारिश ...ये रूमानियत .....बहुत अच्छा लगा पढ़कर
बहुत खुब , आपके भाव ने तो मदहोश ही का दिया।
बहुत बढ़िया रचना . धन्यवाद.
वाह जी बेहतरीन, उम्दा, शब्द नहीं मिल रहे सच्ची में, बहुत बहुत प्यारी रचना है!!
सचमुच पहली बूंदे पड़ते ही जी उत्साहित हो जाता है और मन भी हिलोरे मरना लगता है . बेहतरीन रचना .
bahut khoob ! priya ji pahli barish ko apne sahi abhivyakt kiya . maine bhi isi bishay me apni abhivyakti di hai shayd apko pasand aaye .
bebkkof.blogspot.com
बारिश की छोटी छोटी बूंदे होती ही ऐसी है। बहुत उम्दा।
वाह !! बहुत खूबसूरत रचना !!
सुन्दर पहली बारिश सी भीनी खुशबु लिए हैं यह आपकी रचना
रवि रतलामी जी की व्याख्या भी अच्छी है आपने न देखी हो तो देख लें :)
बहुत सुन्दर कविता,
धन्यवाद!
bahut accha "eksacchai.blogspot.com " ki team ki aur se aapko badhai ho
wah priya bahut khoob ......
man baavra madhosh ho gaya
dhadkano pe uska jor ho gaya ..
kya baat hai ....bilkul shayar mijaj .
keep it up in new trend
bahoot khoob...सुन्दर चित्रों के साथ लगता है आप भी madhosh हैं baarish में............ लाजवाब rachna
वाह जी वाह आपको तीन बार बधाई हो
पहली पहली बारिश होने की खुशी में
दूसरी अच्छी रचना के लिए और तीसरी हमारे यहां पर भी आज पहली बारिश आखिर हो ही गई
second para is damn good...honestly its a cut above the rets of the poem...
बडी ही शोख और शरारती सी अभिव्यक्ति....बड़ा रूमानी अंदाज़-ऐ-बयाँ
बूँद की बेहयाई...हया बन आँखों में उतर आई
बहुत खूब .... कई बार पढ़ी आपकी ये रचना...साधू ॥
barish ka svagat bhut achha lga .
मन मोर हुआ मतवारा..........बारिश और नज़्म के बीच......इसी कविता को इस बार पढिये हिंद-युग्म पर
उफ़ !! इस रूमानी मौसम में बूँद की ये बेहयाई... हमें भी रूमानी कर गयी :)
रचना बहुत अच्छी लगी....बहुत बहुत बधाई....
behad khubsurat rachana hai
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