

आज पहली बारिश ने मदहोश कर दिया,
तपती रूह को तर कर सराबोर कर दिया ,
एक झोंका हौले से छूकर चुनर लहरा गया ,
फिज़ा ने कान से टकरा कर एक मद्धम गीत गा दिया।
एक लट रुखसारों को छूती हुई ...
कान की बाली से उलझ गई,
मौका देख एक बूँद गाल को चूम गई,
बूँद की बेहयाई ....
हया बन आँखों में उतर गई।
नज़र उठा जब आस-पास देखा ..
झूमते पत्ते, इठलाती तितलियाँ ...
इन्द्रधनुषी रंग , नाचते पंछी, लम्बी राहे...
ताक- ताक मुस्कुरा रहें थे ,
हम दीवाने से बरसात के रंग में रंगे जा रहे थे।
मन बांवरा मदहोश हो गया,
इन धडकनों पर इसका जोर हो गया ।
सुन मौसम ! बदल दे मिजाज अपना जल्दी
घबरा रहे हैं हम कि कहीं
" हमहें तुझसे मोहब्बत न हो जाए "
तपती रूह को तर कर सराबोर कर दिया ,
एक झोंका हौले से छूकर चुनर लहरा गया ,
फिज़ा ने कान से टकरा कर एक मद्धम गीत गा दिया।
एक लट रुखसारों को छूती हुई ...
कान की बाली से उलझ गई,
मौका देख एक बूँद गाल को चूम गई,
बूँद की बेहयाई ....
हया बन आँखों में उतर गई।
नज़र उठा जब आस-पास देखा ..
झूमते पत्ते, इठलाती तितलियाँ ...
इन्द्रधनुषी रंग , नाचते पंछी, लम्बी राहे...
ताक- ताक मुस्कुरा रहें थे ,
हम दीवाने से बरसात के रंग में रंगे जा रहे थे।
मन बांवरा मदहोश हो गया,
इन धडकनों पर इसका जोर हो गया ।
सुन मौसम ! बदल दे मिजाज अपना जल्दी
घबरा रहे हैं हम कि कहीं
" हमहें तुझसे मोहब्बत न हो जाए "