Friday, May 1, 2009
हौसला
अपने रूठे हैं तो क्या,
साथ छुटा है तो क्या,
तिनका ही तो टूटा हैं न नीड़ का,
बस एक पुल टुटा हैं उम्मीद का।
राहें बेगानी हुई हैं,
मन में परेशानी हुई हैं,
कोई पुराना ज़ख्म ताज़ा हो गया,
जिंदगी की राह में...
फिर उनसे वास्ता हो गया।
खुद से मत खफा हो जरा भी ,
बताती हूँ रास्ता अभी .......
हौसला कहा पराया,
झांको खुद में,
वो तुम्हारा साया हैं,
तलाशो खुद में,
अंदर ही छुपा बैठा हैं कहीं,
पहले खुद से खुद की पहचान कराओ ,
जो अन्तेर्मन में सोया हैं उसको जगाओ,
वो और कुछ नहीं, हौसला ही तो है,
निर्भीक हो , प्रण लो, नई उर्जा
नया संचार भरो,
बस एक बार जब पूरी ताकत से उठ जाओगे
अब पहले वाली गलती नहीं दोहराओगे
अनुभव के बल से नई तरतीब लगाओगे,
तुम खुद तो क्या यार !
ज़माने को नई दिशा दिखलाओगे।
देखो न ! कैसे समझा दिया मैंने :-)
उलझी बातो को पल में सुलझा दिया मैंने
तारीफ कोई नहीं करता, तो खुद ही कर लेती हूँ,
कभी- कभी तो बेबात खुश हो लेती हूँ.
बस ऐसे ही खुद को बहला लेती हूँ,
यही तो राज़ की बात हैं
तभी तो हर पल मुस्करा लेती हूँ.
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8 comments:
प्रिया जी,
आपकी कवितायेँ जितनी भावनात्मक हैं ..कुछ अलग हट कर ....उतनी ही सुन्दर तस्वीरें भी ..
शुभकामनायें .
हेमंत कुमार
प्रिया जी,
"तभी तो हर पल मुस्करा देती हू"..........................
आपकी कविता सुन्दर लगी। आपका लिखने की शैली भी बडी सुन्दर एवम रोचक लगी। बधाई।
हे प्रभु यह तेरापथ
मुम्बई टाईगर
बहुत खूब। यकीन बढ़ाने वाली रचना।
मुस्कुराने का तरीका खूब ढ़ूँढ़ा आपने।
हौंसले से हब कोई मुस्कुराता है कहाँ।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
bhaut khoob pryanka .......... kavita prem ka yahi to raaj hai ...hame khus rehne ke liye kisi mehfil ki talash nahi rehti, mehfile hamare bhitar sajti hai...
Hausala aur himmat ye do shabd hai jo apne aap mein hi sampoorn hain. Jo kuchh karne ka vishwas rakhne walon ke liye astra ka kaam karte hain.
Navnit Nirav
Isi hausle ki sabse jayda jaroorat hain..... aur jab aap log pratikriya dete hain to ye hausla aur jayada badh jata hain...
apni har rachna par aapki pratikriya ka intezaar rahta hain.
In one word... Inspirational!!
बहुत ही उम्दा
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चाँद, बादल और शाम
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