अक्षरों
सुनो मेरी बातआओ मेरे पास
मैं तुम्हारे लिए वेणी बनाउंगी
खयालो से भी नाज़ुक
जलपरी से भी खूबसूरत
ज़ज्बात के जेवर पहना
एक अनुपम, अद्वितीय बाला बना
सोलह श्रृंगार कर
तुम्हे दुल्हन सा सजाऊँगी
तुम्हारे रूप पे कुर्बान
कुछ फक्कड़,
कुछ अनजान लोग
होंगे तेरे कद्रदान
करेंगे तुम्हारी पहचान
रत्न को परखते जोहरी के मानिंद
कुछ खुसरो, तकी मीर या ग़ालिब जैसे
रहस्यवाद और छायावाद में गुसल करते
प्रसाद, निराला और पन्त जैसे
तुझे भक्तिमार्ग में ले जा रहीम, रसखान
मीरा में बदल दें तो
प्रसिद्धि मिल जायेगी
ये सारे
अलग-अलग नामो से पुकारेंगे तुम्हे
इन सब से प्यार करना
किसी के ह्रदय पर कविता बन राज करना
किसी के उर नज़्म बन समाँ जाना
कोई शायरी कह आवाज दे शायद
तो किसी के लिए भीनी ग़ज़ल बन.....
जुबाँ से फिसल जाना
सभी के मन के अथाह सागर में
एक कोमल स्थान तो मिलेगा तुझे
ऐसा वादा है मेरा
एक निशब्द, अनजाना
लेकिन फिर भी जाना-पहचाना
अर्थयुक्त रिश्ता बन
बिन सवालों का जवाब तलाशे
दिल में राज करोगे तुम सारे
ऐसा नसीब सबका नहीं होता
कोई किसी के इतने करीब भी नहीं होता
मेरे निश्छल स्वभाव को पहचानो
चले आओ ......
कोई विनिमय नहीं
व्यापार नहीं
मेरा क्या ?
एक दिल ही है जों
बहल जाएगा
तुम्हारी इज्ज़त में इजाफा हो जायेगा
तो हे अक्षरों, शब्दों, मात्राओं, चन्द्र-बिंदियों
चले आओ
साथ में अल्प विराम और पूर्ण विराम
को भी लाओ
अब कैसी ये दूरी ?
कैसा फासला?
कैसा संकोच?
15 comments:
सुन्दर ... अक्षरों से वार्तालाप और उनका आह्वान
aksharon kee saajsajja , uske sang baatchit bahut sahaj aur shringarik lagi
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...अक्षरों को सजा कर नज़्म कहना ..बहुत मन भाया
kaash main bhi aksharon se baatein kar paata...chhoo liya aapki rachna ne dil ko gehraai tak.
वाह! बिल्कुल नया अन्दाज़्……………सुन्दर प्रस्तुति।
वाह! बिल्कुल नया अन्दाज़्……………सुन्दर प्रस्तुति।
bhut achha aur alge hi andaj hae
अक्षरों से वार्तालाप
..........…सुन्दर प्रस्तुति।
अक्षरों की इस जादूगिरी पे लिखने को सब अक्षर कम पड़ रहे है...:)
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...
सच अक्षर तो सब निर्मल ही होते हैं.शब्द बन कर ये क्या और कैसा रूप लेंगे ये निर्भर करता है इंसान की सोच पर. बहुत सुन्दर प्रस्तुतिकरण अक्षर और उसकी महत्ता का.
अच्छी कविता! अक्षरों की उपयोगिता का कविता के माध्यम से सुंदर वर्णन!
अच्छा लगा अक्षरों से यह सम्वाद
oh....kitne pyaar se aksharon ko bulaaya hai...ab to zarur aayenge :)
Is me kuchh bat hai .Aisi rachana ho to hum jaise hum jaise log bhi samajh sakte hai .
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