 बड़ा गुरुर है गूगल कोअपनी सोचअपनी तकनीक परनंबर वन सर्च इंजन बना फिरता हैंखोजी दस्तों का
बड़ा गुरुर है गूगल कोअपनी सोचअपनी तकनीक परनंबर वन सर्च इंजन बना फिरता हैंखोजी दस्तों का
 "प्रिया"
 
 
 
            
        
          
        
          
        

कभी - कभी यूँ हीउठ जाते हैं दिल मेंमासूम  ख्यालतुम्हारे  साथ।उड़ना चाहती  हूँपरिंदों  जैसे।सोचो !जो  हम  परिंदे  हो  जाए।किसी  इलेक्ट्रिक वायर परबैठ  चूँ-चूँ  करें।      किसी  टेलेफ़ोन टॉवरपर  बसेरा  हो  अपना।घरो  के  सामनेबहती  नाली  परदोनों  मिलकर  पानी  पिए।फिर  मैं  फुर्र  से  उड़  जाऊंतुम चीं चीं  करते ढूढने  आओ मुझे ।पूरा  कुनबा  मिलकर          पड़ोस  वाले  अरोड़ा  साबकी  छत  पर  फैले  अनाज कीदावत  उड़ाए।किसी  के  आमद  की  आहट  सेसारे  एक  साथ  उड़  जाएँ।जब  तुम  कैटरपिलर  परमुहं  साफ़  करोतो  मैं  रूठ  जाऊंक्योंकि         मुझे नोन-वेज पसंद  नहीं।फिर  तुम  नन्हे  से ...गड्ढे  में  भरेचुल्लू  भर  पानी  मेंगोता लगा, कसरत  दिखामनाओ मुझे।मैं  तुमसे अलगकुछ  दूर  फुद्कूंपरजल्द मान  जाऊं।रात  में मेहनत के  तिनकोसे  बनेबिन  दरवाजे  के  घोसले  पे    बेफिक्र  तेरे  सहारे  सो  जाऊं।ज्यादा तमन्नाए कहाँ  है  मेरीछोटी -छोटी  चाहतेऔर संघर्ष  में  तुम्हारा  साथक्या  ऐसा  ख्याल  भी  हैभौतिकवाद ?