आँखों कि बात यूँ ही जुबां पे नहीं आती कुछ बात उसमे है कि पैमाना छलकता है. रत्नेश त्रिपाठी
वो तेरे चेहरे का नूर था जो जिला गया सूखे पत्ते को .....चार पंक्तियों में लाजवाब....!!
sukha patta hara dikhayee deta hai.....wow!
" bahut hi badhiya "" dil ki baatoan ko kagaz per kaid kiya aapne khubsurti se aapke is andaz ko salam ."----- eksacchai { AAWAZ }http://eksacchai.blogspot.com
kavita aur chitra ka achcha sanyojan hai ...rang aur patti se manav man ki bat rakhi hai ... sundar,,,,,,
कही यह हरापन अंतस का हरापन तो नही है!!कितना सुन्दर अहसास दर्शाया है आपनेबेहतरीन
आपने सिद्ध कर दिया कि खूबसूरत खयालात और भावों के इज़हार के लिए बहुत लंबी रचना की ज़रुरत नहीं होती. लिखने का अंदाज़ बहुत पसंद आया. महावीर शर्मा
जबरदस्त अभिव्यक्ति!
waaaaw ...nic one dear
chhoti si baat me man ki saari baat sunaadi!!! bahut sundar
hara patta jindgi de gya .lajvab
YUE UNKE CHEHRE KA NAHI AAPKI AANKHO KA JADOO HAI ... CHAAR LAAINO MEIN LIKHI LAJAWAAB AUR GAHRI BAAT ... BAHOOT KAMAAL HAI ..
कम शब्दों में उमड़ते एहसास हैं.....
अच्छा है ।मैने भी अपने ब्लाग पर एक लेख लिखा है-घरेलू हिंसा से लहूलुहान महिलाओं का तन और मन-समय हो तो पढ़ें और कमेंट भी दें ।http://www.ashokvichar.blogspot.comकविताओं पर भी आपकी राय अपेक्षित है। कविता का ब्लाग है-http://drashokpriyaranjan.blogspot.com
उत्तम अभिव्यक्ति
बहुत ही दिलकश है यह नीड़।------------------11वाँ राष्ट्रीय विज्ञान कथा सम्मेलन।गूगल की बेवफाई की कोई तो वजह होगी?
आपके दोनों ब्लाग खूबसूरत हैं
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति।पूनम
waaaaw ...nic
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19 comments:
आँखों कि बात यूँ ही जुबां पे नहीं आती
कुछ बात उसमे है कि पैमाना छलकता है.
रत्नेश त्रिपाठी
वो तेरे चेहरे का नूर था जो जिला गया सूखे पत्ते को .....
चार पंक्तियों में लाजवाब....!!
sukha patta hara dikhayee deta hai.....wow!
" bahut hi badhiya "
" dil ki baatoan ko kagaz per kaid kiya aapne khubsurti se aapke is andaz ko salam ."
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
kavita aur chitra ka
achcha sanyojan hai ...
rang aur patti se manav
man ki bat rakhi hai ...
sundar,,,,,,
कही यह हरापन अंतस का हरापन तो नही है!!
कितना सुन्दर अहसास दर्शाया है आपने
बेहतरीन
आपने सिद्ध कर दिया कि खूबसूरत खयालात और भावों के इज़हार के लिए बहुत लंबी रचना की ज़रुरत नहीं होती. लिखने का अंदाज़ बहुत पसंद आया.
महावीर शर्मा
जबरदस्त अभिव्यक्ति!
waaaaw ...nic one dear
chhoti si baat me man ki saari baat sunaadi!!! bahut sundar
hara patta jindgi de gya .
lajvab
YUE UNKE CHEHRE KA NAHI AAPKI AANKHO KA JADOO HAI ...
CHAAR LAAINO MEIN LIKHI LAJAWAAB AUR GAHRI BAAT ... BAHOOT KAMAAL HAI ..
कम शब्दों में उमड़ते एहसास हैं.....
अच्छा है ।
मैने भी अपने ब्लाग पर एक लेख लिखा है-घरेलू हिंसा से लहूलुहान महिलाओं का तन और मन-समय हो तो पढ़ें और कमेंट भी दें ।
http://www.ashokvichar.blogspot.com
कविताओं पर भी आपकी राय अपेक्षित है। कविता का ब्लाग है-
http://drashokpriyaranjan.blogspot.com
उत्तम अभिव्यक्ति
बहुत ही दिलकश है यह नीड़।
------------------
11वाँ राष्ट्रीय विज्ञान कथा सम्मेलन।
गूगल की बेवफाई की कोई तो वजह होगी?
आपके दोनों ब्लाग खूबसूरत हैं
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति।
पूनम
waaaaw ...nic
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