(स्टुडेंट लाइफ - कहते है कि जिंदगी का सबसे खूबसूरत सफ़र होता है .... अब वो तो रहा नहीं सिर्फ यादें है ....एक पुरानी कविता प्रस्तुत कर रही हूँ शिक्षक दिवस के अवसर पर .....मेरी दो टीचर्स जो उस समय मेरी आदर्श हुआ करती थी ...खासा लगाव था उनसे ... सरोज दुबे मैम और नीलिमा श्रीवास्तव ..... फेरवेल में जब ये कविता पढ़ी तो टीचर्स का असीम प्रेम मिला ......मेरी जिंदगी का खूबसूरत पल था वो .....तो आइये मेरे साथ शामिल हो जाइए अपने स्टुडेंट लाइफ के दिनों में ....और जी लेते है वो लम्हा एक बार फिर )
कुछ नहीं मांगते है गुरुवर आपसे
हो सके तो बस इतना एहसान कीजिये
पाया बहुत ज्ञान हमने आपसे
अब आप थोडा आर्शीवाद दीजिए
सताया बहुत हमने आपको
बच्चा समझकर माफ़ कर दीजिए
याद आता है वो समय हमको आज
जब कक्षा में आपने हमें दण्डित किया था
उस समय तो क्रोध ने हमें घायल किया था
पर आज प्रेम ने हमें पागल किया है
सोचते है जब हम यहाँ से चले जायेंगे
कही आप हमको भुला तो न देंगे
भुला भी दिया अगर आपने हमको
तो स्वप्नों में हम पढने आते रहेंगे
कैसे करेंगे भावना पे काबू
जब इस कॉलेज को छोड़ कर चले जायेंगे
अश्रु भी चक्षु से जो झलक गए अगर
हमारे लिए वो भी काफी न होंगे
सिखाया बहुत कुछ आपने हमको
एक बात और हमको सिखा दीजिए
आपको देखे बिना नेत्र रहेंगे अधूरे
हमारे नैनों को बस आप मना लीजिये
मिलेंगे भविष्य में बहुत गुरूवर हमको
आपसा मिल गया तो चमत्कार होगा
मिल भी गया तो सच कहते है हम
आपकी स्मृति सदैव ताज़ा रखेंगे
हो सके तो बस इतना एहसान कीजिये
पाया बहुत ज्ञान हमने आपसे
अब आप थोडा आर्शीवाद दीजिए
सताया बहुत हमने आपको
बच्चा समझकर माफ़ कर दीजिए
याद आता है वो समय हमको आज
जब कक्षा में आपने हमें दण्डित किया था
उस समय तो क्रोध ने हमें घायल किया था
पर आज प्रेम ने हमें पागल किया है
सोचते है जब हम यहाँ से चले जायेंगे
कही आप हमको भुला तो न देंगे
भुला भी दिया अगर आपने हमको
तो स्वप्नों में हम पढने आते रहेंगे
कैसे करेंगे भावना पे काबू
जब इस कॉलेज को छोड़ कर चले जायेंगे
अश्रु भी चक्षु से जो झलक गए अगर
हमारे लिए वो भी काफी न होंगे
सिखाया बहुत कुछ आपने हमको
एक बात और हमको सिखा दीजिए
आपको देखे बिना नेत्र रहेंगे अधूरे
हमारे नैनों को बस आप मना लीजिये
मिलेंगे भविष्य में बहुत गुरूवर हमको
आपसा मिल गया तो चमत्कार होगा
मिल भी गया तो सच कहते है हम
आपकी स्मृति सदैव ताज़ा रखेंगे
23 comments:
teacher days pe achhi kavita.....
TEACHER DIVAS PAR IS SE SUNDAR RACHNA NAHI HO SAKTI JO AAJ BHI US GURU KI YAAD KARA DE JO JEEVAN MEIN MAHATVPOORN STHAAN RAKHTA HAI ...
SHANDAAR RACHNA HAI .....
गुरू के प्रति बहुत सुन्दर भाव.
अच्छी रचना
गुरुऋण को याद करती यह रचना प्रभावित करती है..आपका about me भी अच्छा लगा.
बड़ी ही सुन्दर व मार्मिक रचना । शिक्षक दिवस के अवसर पर लाजवाब प्रस्तुति।
थोड़ा-सा नहीं ... ... .
ढेर-सा आशीर्वाद मेरी तरफ से ... ... .
छात्र जीवन की यादें तो जीवन भर हमारे साथ रहती हैं ....और हम उन यादों के साथ.अच्छी पोस्ट .
हेमंत कुमार
bahut sunder priya ...sachi me teacher se jab ham door hote hai tab hi mehsoos kar paate hai ham unse kitna pyar or respect karte the
bahut hi achi baat kahi hai aapne per plz ek bar check ker le sabd likhne me galti ho rahi hai magar aapka bhav sahi hai ...jaise guruvar nahi guruvr hona chahiye
----- eksacchai {AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
http://hindimasti4u.blogspot.com
sunder♥ ♥ ♥ ♥ ♥
बहुत बेहतरीन कविता है.बधाई.
बहुत-बहुत बधाई की आपने इतने सरल शब्दों में गुरु के प्रति प्रेम को अभिव्यक्त किया...मुझे बहुत अच्छी लगी आपकी कविता पढ़कर...मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है..
सुंदर और भावपूर्ण रचना!
हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।
वाह........बहुत खूब , पीछे लौट गई क्षनांश के लिए
Bahut achchhi kavita Teacher's Day par. Iska matlab ye hua ki aap bahut samay se achchhi kavitayein likh rahi hain.
Navnit Nirav
आशिर्वाद... एक उद्भुत रचना
गुरु शिष्य के संबंधों को उकेरती अभिव्यक्ति....साधू!!
गुरुजन के प्रति आदर और
श्रद्धा के अनूठे भाव लिए हुए सार्थक रचना
बधाई
---मुफलिस---
bahut sundar rchna guru bin gyan kaha se pau.
लाजवाब प्रस्तुति...
Hey Hi!
long time :). thanks dear for your lovely and encouraging comments.Hmm...usually I just pen down thoughts the way I think..feel..about things,so often they go in a flow.And yes,about tht post,I think we all go through these phases,more or less..things remain quite same with us.
And I tell you,you've got a good strength over hindi.beautiful poem.
Take Care!! & keep shining!
Love.
Poonam
सुन्दर रचना.........
आपने मुझे अपने गुरुओं की याद दिलाती....
जिनका मै काफी चहेता रहा हूँ और वाकई में आपकी पंक्तियों के अनुसार उन्हें खूब तंग भी किया हूँ.............
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