तुम्हारे होने पर शक करूं
या तुम्हें बेसबब मानू,
तुम पर ऐतबार है
पर ensure नहीं हूं इस बार
देखो न।कैसा फ़साद फैला है दुनियां में
कोई नहीं है ज़िम्मेदार
कमियां गिनाने वाले हजार
तुम्हारा नाम लेकर कुछ
तुम्हें बदनाम करके कुछ
ललकार रहें हैं तुझको
नज़ारा देख कर सारा,
पेशानी पर बल पड़ा होगा
बड़े मुंसिफ कहाते हो
कर दो मुंसफी इस बार
बचा लो अपने बंदो को,
इशारा करो किसी साइंस दा को
नब्ज पकड़ कर COVID 19 की
तोड़ दे वायरस का घमंड
Vaccine का इजा़द करा दें
debate के mood में नही हूं मै अब
बचा लो अपनी अना
के तुम्हारे होने के वास्ते मेरा होना जरूरी है
बहुत आहुितयां हविष्य हो चुकी रण में
नतीजा कब तलक लटकाओगे?
तो क्या मान लू मै फिर
तुम फ़साने से ज़्यादा और कुछ नही।।