तुम मुझे चाँद ना दिखाया करो
मै इमोशनल हो जाती हूँ
औ घर पर तो बिल्कुल नहीं
एक बार
जब तुम नहीं थे साथ
रात मेरी इससे नज़र मिल गई
मै भी इसके साथ तारो में खो गई
बस मौका जान
ये बेशर्म! बालकनी के करीब आ गया
आसमा भी लाया था
एक बादल का टुकड़ा गार्ड बन आया था
सितारे लिविंग रूम के बाहर रखे ..
गमलो पर सुस्ता रहे थे
ना जाने किस बात पर बादल
गमलो पर सुस्ता रहे थे
ना जाने किस बात पर बादल
बिजली पर गुर्रा रहे थे .
फिर बिजली
गरजी बहुत तेज
के मैं बिस्तर छोड़ बाहर आ गई
बेखयाली में
एक कैक्टस पर हाथ पड़ गया
लहूलुहान हाथ लिए तुम्हे ढूढने लगी
छुई -मुई का पौधा दिखा तो
उससे खेलने लगी
पत्तो पर बैठे जादूगर सितारे
कमाल कर गए
हाथो से दर्द खींच ओस बन
पत्तो पे सज गए
चाँद बादलों के सोफे पे बैठा
दूर से मुस्कुरा रहा था
मेरी मदद कर ख़ुशी जता रहा था
तुम्हारे बिना मुझे कंपनी देता है
एक बात कहूं...
मै उसके साथ इमोशनली अटैच्ड हूँ
मेरे साथ उसको भी स्वीकार करो ना
तुम हम दोनों से प्यार करो ना
छुई -मुई का पौधा दिखा तो
उससे खेलने लगी
पत्तो पर बैठे जादूगर सितारे
कमाल कर गए
हाथो से दर्द खींच ओस बन
पत्तो पे सज गए
चाँद बादलों के सोफे पे बैठा
दूर से मुस्कुरा रहा था
मेरी मदद कर ख़ुशी जता रहा था
तुम्हारे बिना मुझे कंपनी देता है
एक बात कहूं...
मै उसके साथ इमोशनली अटैच्ड हूँ
मेरे साथ उसको भी स्वीकार करो ना
तुम हम दोनों से प्यार करो ना
24 comments:
kya gazab ka likha hai......wah.
ओये होये !!! बदले बदले से सरकार नज़र आते हैं :P
बढ़िया....कहीं दोनों से प्यार किया जाए...तो कुछ वक्त बाद खुद ही जलन पैदा न हो जाए
हम्म्म निधि जी की बात ध्यान देने लायक है :)
चाँद, सितारे, बदल, बिजली सब के सब को बालकनी में उतार दिया और जो रोमांटिक माहौल बना दिया है कि उससे बाहर आने को मन ही नहीं हो रहा है.
दिल को छू जाने वाली सुंदर प्रस्तुति लेकिन बहुत समय बाद. ऐसी सुंदर प्रस्तुतियाँ ज्यादा पढ़ने को मिले तो ज्यादा अच्छा लगे.
खूबसूरत चित्रण मनोभावों का ...
ओह ... निःशब्द हूँ पड़ने के बाद ...
बहुत प्यारी रचना....
दरअसल रचना कहने को जी नहीं कर रहा....
बहुत सुन्दर...मानों दिल खोल कर रखा हो...गुलाबों के बीच...
अनु.
अरे वाह.....क्या बात....
कमाल करती हैं प्रिया जी आप भी,
एक तो कितने दिनों के बाद आयीं और आते ही बिलकुल तीर निशाने पे दे मारा?? क्या खूबसूरत बात कही है आपने अपनी रचना में, मुआ कैक्टस हाथ चाट गया.....बहुत ही बढ़िया, कहाँ रहीं इतने दिनों तक, सब ठीक है ना?
मेरे घर भी नहीं आयीं आप, वैसे मैं भी रेगुलर नहीं रहा ब्लॉग पे पिछले दिनों क्युकी १३ अप्रैल २०१२ को एक नन्ही पारी ने मेरे घर में दस्तक दी है!
आइयेगा!
दोनों से प्यार करने पर प्रेम त्रिकोण बन जायेगा जिसके शीर्ष बहुत चुभते हैं....वैसे असली शरारत तो कैक्टस ने की.
खूबसूरत..
Asardaar !
वाह....
प्रभावशाली लेखनी !
बधाई !
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नववर्ष 2013 की हार्दिक शुभकामनाएँ... आशा है नया वर्ष न्याय वर्ष नव युग के रूप में जाना जायेगा।
ब्लॉग: गुलाबी कोंपलें - जाते रहना...
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धन्यवाद
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बेहद प्रभाव साली रचना बहुत अच्छी रचना .....
आप मेरे भी ब्लॉग का अनुसरण करे
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
तुम मुझ पर ऐतबार करो ।
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बेहद प्रभाव साली रचना बहुत अच्छी रचना .....
आप मेरे भी ब्लॉग का अनुसरण करे
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
तुम मुझ पर ऐतबार करो ।
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Chaand ke saath rishta purana hai...par ye mua bewafa har kisi ka ho jaata hai....
kahin bahut door le gayi ye rachan mujhe...kuch beete din...kuch beeti baatein sab yaad dila gaye...shukriya....
प्रियाजी,
कभी आपने मेरे पेज पर लिखा था :
"श्लोकों का अर्थ भी बतला देते तो अच्छा होता !" जरा देखिए तो सही, कितना डिटेल्स् में हिंदी तथा अंग्रेज़ी में १३३ पोस्ट्स लिख चुका हूँ ! -आपकी प्रेरणा से !
सादर,
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kafi din baad aapke blog pe aaya. too bad it is not active these days....used to be one of the better ones around :)
I noticed that the blog has not been updated for a long time. When I clicke dto comment I saw 2 saal pehle yehi baat maine likhi thi :)
सारी कायनात शामिल है । वह क्या लिखा है ।।
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